Saturday, 15 March 2014

मुझे हक़ है




तुम थी जब मेरे साथ
कभी नहीं जान सका मैं तेरा हाल
अब जब नहीं है तेरा साथ
क्यूँ साबित कर रहा हूँ मैं तुझे, तेरे बिन मेरा हाल… 

तुम थी जब मेरे पास
कभी नहीं समझ पाया मैं तेरा सच्चा प्यार
अब जब नहीं हो तुम मेरे पास
क्यूँ एहसास कराना चाहता हूँ तुझे
मैं तेरे लिए मेरा सच्चा प्यार…

तुम थी जब सब थे पराये
कभी नहीं जान सका खुद के स्पेशल होने का राज़
अब जब तुम हो गए पराये 
क्यूँ करता हूँ तुझे स्पेशल फील कराने का मैं प्रयास…

तुम थी जब...
तकलीफ कितना दिया तुझे मैंने मेरी जान 
रुलाया तुझे ना जाने कितनी बार
चलता रहा बिना पकड़े तेरा हाथ 
वादों को निभा न सका मैं एक भी बार
बुरी आदतों का था मैं शिकार 

अब जब नही हो तुम मेरे साथ…
तब समझा मैंने तेरा सच्चा प्यार 
कितना तड़पाया हूँ तुझे 
कितना तड़पी हो पाने को तुम मेरा साथ और प्यार


हक़ नहीं है मुझे , तुझे वापस बुलाने का…  
पर अब निभाना है मुझे वो 
जो कभी नहीं निभा सका था जब तुम थी मेरे साथ 
अब निभाना है तेरे बिन 
मुझे मेरा, तेरे लिए सच्चा प्यार…


तड़प के बदले तड़प ही करेगा साबित मेरा सच्चा प्यार 
तुमने निभाया है जो तड़प के 
अब निभाऊंगा मैं 


मुझे हक़ है 


मुझे हक़ है...

...LOVE YOU SWEETS...
...MISS YOU PARI RANI...